देश में बेकारी है
आखिर किसकी जिम्मेवारी है।
अक्षरबोध साक्षरता
या अल्पज्ञान की बिमारी है।।
मशीनी क्रांति का जोर
या फिर बढ़ती हुई आबादी है।
रोजगारों का अभाव
या फिर निकम्मेपन सरकारी है।।
साक्षर नहीं ज्ञानी बनो
हर हुनरमंद कि जग में उजियारी है ।
खुद का मालिक बनो विनयचंद ‘
‘ना इसमें कोई लाचारी है।।