कहीं भ्रूण हत्या बेटी की,
कहीं पर हुआ बलात्कार है
कहीं एसिड अटैक सुना
और कहीं दहेज़ की, सही मार है
गर यूं ही चलता रहा तो,
भारत में भगवान भी
बेटी ना देंगे
पैदा होने से ही डर गई बेटियां,
तो कहां से वंश बधाओगे
बेटी ही ना होगी तो ,
बहू कहां से लाओगे
संसार को कैसे रच पाओगे ।।
सही (सहन करी)..