बेवफ़ाई समझी नहीं वफ़ा वफ़ा करने लगे।

बेवफ़ाई समझी नहीं वफ़ा वफ़ा करने लगे।
जरा सी चोट खाई नही दवा दवा करने लगे।।
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नासमझ हो तुमने काँटे है जंगल पे जंगल।
अब जब साँस रुकी है तो हवा हवा करने लगें।।
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पुरानी दस्तानो इस कद्र न याद आया करों।
की जख्म अपना कोई खुद हरा हरा करने लगें।।
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तुमको समझें थे हम तुमको समझते रह गए।
हम बोलों भी तो क्या तुम खता खता करने लगे।।
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हममें है बुराई की हक़ीक़त ए जिंदगी कह देते है।
तुम क्या आये की ख्वाबो का धुँआ धुँआ करने लगे।।
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फ़रेबियो की हिम्मत देख जब डर लगने लगा है।
साहिल आसमाँ को देखकर खुदा खुदा करने लगें।।
@@@@RK@@@@

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