Site icon Saavan

भारतीय परिधान…

भारतीय परिधान सजीला
पहने जो भी लगे रंगीला।

देखी मैने एक सुन्दर बाला
हाँथों में चूड़ी, कानों में बाला।

जुल्फें जिसकी काली-काली
होंठों से टपक रही थी लाली।

माथे पर थी नीली बिंदी
होंठों पर थी अनुपम हिंदी।

सुन्दर साड़ी लाल किनारी
कमर में बिछुए भारी-भारी।

कहीं संभाले पल्लू सरपट
चाल थी उसकी डगमग-डगमग।

पीठ छुपाती कहीं बेचारी
असुविधाजनक थी साड़ी भारी।

खूबसूरती परिधान में होती
नज़र है जिनकी गंदी होती।

यही अलापें वह दिन-रात
जो रखते हैं दिल में पाप।

Exit mobile version