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भुला दिया उसने..

‘मेरी वफाओं का खुलकर सिला दिया उसने,
न रखा एक भी, हर खत जला दिया उसने..

दूर होने का फैसला क्या खुद तुम्हारा है ?
मैंने पूछा तो कैसे सर हिला दिया उसने..

हमें भी खूब मिली आँसू पोंछने

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