आज अन्नदाता किसान,
राहों पर है परेशान
देश को अन्न देता जो,
भारत माँ की जो है शान
क्यूं आना पड़ा उसे राहों पर,
ये बात कर रही है हैरान
अपने एक हक़ की खातिर,
लड़नी पड़ी लड़ाई है
आखिर ये हक़ है उसका,
उसकी मेहनत की कमाई है
भूमिपुत्र का सम्मान करें हम,
उसकी आंखें ना होने दें नम
आज आवाज़ आई है देखो,
खेतों से उस हलधर की,
जिसकी मेहनत की रंगत से,
भूख मिटे है हर घर की
*****✍️गीता