मगर अभिमान मत करना Satish Chandra Pandey 4 years ago जरा सी भी तुम्हें असली खुशी गर आज मिल जाये। पकड़ कर कैद कर लेना मगर अभिमान मत करना, उग रहा हो अगर सूरज तो उगने दो, उगेगा ही, उसे तुम देख गुस्से से नयन कमजोर मत करना।