Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
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वाह वाह सर, बहुत खूब
धन्यवाद जी
बेहतरीन सर👌👍👍
धन्यवाद सर
अतिसुन्दर
बहुत धन्यवाद जी
बहुत सुंदर लाजवाब👌👌
कवि सतीश जी ने अपनी कविता के माध्यम से बहुत ही सुन्दर सन्देश दिया है कि प्रगति की राह पर चलते चलते ऊंचाइयों पर पहुंचने पर अभिमान नहीं करना है क्योंकि फलों से लदा हुआ वृक्ष हमेशा झुका हुआ ही होता है और सीधे तने हुए तो ठूंठ ही होते हैं । बहुत सुंदर प्रस्तुति ।अभिवादन सर
🤔❤🙂👌✍✍✍
अतिसुंदर भाव
बहुत सुंदर कविता
बहुत सुंदर।
Nice, very nice, wow