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मगर मुझे तो माँ का मैला आँचल ही सुहाता है

बेशक खुशबू से भरा होगा मेरे दोस्त तेरा सनम,
मगर मुझे तो माँ का मैला आँचल ही सुहाता है।।

– राही (अंजाना)

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