Categories: मुक्तक
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
ख़त
यादों की गलियाँ सजी हैं, कुछ झालरें,पुराने दिनों की लगीं हैं, कुछ रंगी से दिन हैं बिछे, कुछ रेशमी रातों के पीछे। मेरी खिङकी के…
ख़त
गुज़रा ज़माना याद दिलाता है ख़त। अब बीता ज़माना कहलाता है ख़त। रूठे को मनाना, हाले-दिल बताना, अपनों को अपना बनाता है ख़त। ना हुई…
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