महामारी के साथ जिंदगी
अभी तो शुरू ही हुई थी मेरी उड़ान
पंख थे नए
बस चाहत थी ऊपर उड़ने की कुछ करने का
महीना तो बना था जानू सफलता पानी के
3:00 निकलने ही वाला था धनुष से
यह कहानी है ताने की टूट जाने के यह कहानी है ताने के टूट जाने से
अरमान थे बहुत
सपने थे पूरे करने
यह निश्चित अच्छी जिंदगी की
शनिवार आने वाले दिन से बुरी
वह दिन तो चले गए थे
लेकिन फिर से अच्छे दिन में आ कर दी थी बुरी दस्तक
यह कहानी नहीं है सिर्फ मेरी हजारों लाखों के
समय तो चल रहा था लेकिन किसी के साथ में थे
महामारी की आन पड़ी लोगों की जिंदगी दुख भरी
Nice
बहुत सुंदर
बहुत ही सुंदर
बहुत खूब
Thoughtful poetry