माना के ज़हरीली ज़िन्दगी है मगर जिगर पाक रखते हैं,
हम इन्सा नहीं जो दिल में कोई बात रखते हैं,
यूँ तो गले लगाने की फितरत नहीं हमारी,
मगर इरादे जो भी हो हम साफ़ साफ़ रखते हैं॥
राही (अंजाना)
माना के ज़हरीली ज़िन्दगी है मगर जिगर पाक रखते हैं,
हम इन्सा नहीं जो दिल में कोई बात रखते हैं,
यूँ तो गले लगाने की फितरत नहीं हमारी,
मगर इरादे जो भी हो हम साफ़ साफ़ रखते हैं॥
राही (अंजाना)