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मारी नहीं पिचकारी(होली पर )

गाली न दे मुझे आली
नहीं मारी तुझे पिचकारी
मैंने मारी नहीं पिचकारी,
भर कर रंग, चला कुंज गलियन,
मारी नहीं पिचकारी।
शायद तुझको भूल हुई है
या यह मेरी राह नई है,
मगर यही सच मेरा
रंग नहीं यह मेरा,
नहीं, मैंने मारी नहीं पिचकारी।
मेरा रंग बड़ा अनजाना,
जिसको खुद ही नहीं पहचाना।
मगर आयी अब होली,
तेरी कान पड़ी मीठी बोली,
हाँ, मारी मैंने पिचकारी
तुझे मारी मैंने पिचकारी।

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