Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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इन्द्र धनुषी-अभिवादन
“**इन्द्र धनुषी-अभिवादन”** *************** मित्रता का महकता रहे चंदन , मित्रता का मन करे हर पल वंदन. । अमर रहें मित्रता के अक्षय कोष मे ,…
सवेरे की मधुर मुसकान का
सवेरे की मधुर मुसकान का अर्चन करें मन से । उजाले की अमर पहचान का , वंदन करें मन से । मित्रतामय उमंगों का चिर…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
माधवी-सवेरे
**माधवी – सवेरे”** ********* सुप्रभात माधवी-सवेरे का मन से अभिनन्दन , सुप्रभात, मंगलमय मित्रों का वन्दन । प्राची की लाली की टेर है सुहानी ,…
अपने मित्रों की पीर हरण
अपने मित्रों की पीर हरण , जो करता है । मित्रता -कसौटी , जगजाहिर, वो करता है । जब विपदाओं के ,चक्रव्यूह में, मित्र फँसे…
Waah
Good