मुक्तक

ख्वाबों के जहाँन हमेशा नहीं रहते!

जख्मों के निशान हमेशा नहीं रहते!

रुकते नहीं हैं रास्ते मंजिल के कभी,

दर्द़ के तूफान हमेशा नहीं रहते!

 

रचनाकार- मिथिलेश राय #महादेव’

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