मुक्तक

मुझको तेरी याद कहाँ फिर से ले आई है?
हरतरफ ख्यालों में फैली हुई तन्हाई है!
भटके हुए हैं लम्हें गम के अफसानों में,
साँसों में चुभती हुई तेरी बेवफाई है!

#महादेव_की_कविताऐं’

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