मुक्तक

तेरी यादों में एक तन्हाई सी रहती है!
तेरे ख्यालों में एक गहराई सी रहती है!
झूमती है जब कभी जिन्द़गी मयखानों में,
हुस्न की नजरों में अंगड़ाई सी रहती है!

#महादेव_की_कविताऐं'(26)

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close