मुक्तक

तेरी आरजू का कैसा ये असर है?
ख्वाबों का सफर भी जैसे एक कहर है!
जिन्दगी बेचैन है चाहत में हरपल,
धड़कनों में शामिल यादों की लहर है!

मुक्तककार- #महादेव'(22)

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