Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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“मैं ढूंढता रहा”
“मैं ढूंढता रहा” :::::::::::::::::: मैं ढूंढता रहा, उस शून्य को, जो मिलकर असंख्य गणना बनते । मैं ढूंढता रहा , उस गाथा को , जिस…
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कन्या बचाओ खुद कन्या कहती है- मुझको बचाओ तुम मुझको बचाओ, सपना नहीं अब हकीकत बनाओ, बेटा और बेटी का फर्क मिटाओ, बेटी बचाओ अब…
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न सवाल हुआ , न जवाब ही हमारी तन्हाई में । आंखों ही आंखों से बात हुई हमारी तन्हाई में । खामोशी को इकरार समझने…
तन्हाई
न जाने क्यों एक तन्हाई सी छा रही है, ज़िन्दगी एक कहानी सी बनती जा रही है। न जाने क्यों ये दिल खुद को अकेला…
nice one
धन्यवाद
Nice lines
Good