Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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नशा ही नशा
किसी को इश्क का नशा, किसी को रश्क का नशा। किसी को शय का नशा, किसी को मय का नशा। किसी को दौलत का नशा,…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
और एक जाम
खत्म न हो जश्ने-रौनक हँसीन शाम की। आ टकरा लें प्याला और एक जाम की। देखो साकी खाली ना होने पाए पैमाना, ले आओ सारी…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
नशा
यह नशा वोह नशा इसमे नशा उसमें नशा नशे में नशा सबसे रंगीन नशा रुक जाओ ज़रा इतनी जल्दी क्यों है तुमने वोह नशा चखा…
Nice