Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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तुम महज एक तस्वीर हो मैं जानता हूँ कि, तुम महज इक तस्वीर हो ओर उससे आगे कुछ भी नहीं मगर दिल ये कहता है…
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वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
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तुमसे मिलने की तमन्ना अब भी लगा बैठा हूँ,, सुबह से शाम तुम्हारी गलीयो मे चक्कर लगा –लगा कर दिल को समझा रहा हूँ, तुमसे…
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हिन्दी कविता- बसंत आने लगा | बागो मे फूल कलियों बाहर अत्यंत आने लगा | मस्त मदन लिए अंगड़ाई देखो बसंत आने लगा | शरद…
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Nice