Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
Related Articles
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
लेख:- ब्राण्डेड बुखार
लेख:- ‘ब्राण्डेड बुखार’ आजकल हर व्यक्ति अपने निजी काम को बहुत ही अच्छे ढंग से करने मे विश्वास रखता है। सबसे ज्यादा ध्यान तो इस…
ज़िन्दगी
………………….…Few lines on life …………………..…… Kabhi gam to kabhi khushiyon ki saugat hai zindagi. Kabhi dhoop to kabhi chhaon mein tahalatee ek aash hai zindagi…
दो कदम
मौसीकी चौराहे पर रखकर आँखें बंद कर दो कदम रोज़ चलते हैं। हाथ में बसता और सीने में दिल रखकर दो कदम रोज़ चलते हैं।…
आँखों को इंतज़ार की आदत नहीं रही
आँखों को इंतज़ार की आदत नहीं रही अच्छा हुआ के प्यार की आदत नहीं रही मिलती नहीं किसी से तबियत हमारी अब हमको किसी भी…
Good