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Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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ज़िन्दगी
………………….…Few lines on life …………………..…… Kabhi gam to kabhi khushiyon ki saugat hai zindagi. Kabhi dhoop to kabhi chhaon mein tahalatee ek aash hai zindagi…
एक सावन ऐसा भी (कहानी)
किसी ने कहा है कि प्रेम की कोई जात नहीं होती, कोई मजहब नहीं होता ।मगर हर किसी की समझ में कहां आती है…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
कभी वक़्त मिले तो चले आना।
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बहुत बढ़िया मिथिलेश जी
शुक्रिया
nice
Hamesha ki tarah bahut hi khoobsurat
Nice one..
जितना जिंदगी को पास बुलाओ
जिंदगी उतना दूर हो जाती है
मंजिलो पर नजर रखते रखते
पैरों से राह गुम हो जाती है
Good