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Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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मुक्तक
तेरी यादों के कदम रुकते नहीं कभी! तेरी जुल्फों के सितम रुकते नहीं कभी! रोशनी उम्मीदों की जलती है हरदम, तेरी चाहत के वहम रुकते…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
उम्मीदों का नववर्ष
उम्मीदों की नई सुबह नववर्ष की। सुख – समृद्धि और उत्कर्ष की ।। आगे बढ़ते हैं, कड़वे पल भुला कर। छोड़ वो यादें, जो चली…
हरदम कौन ये मेरे दिल में…..!
हरदम कौन ये मेरे दिल में….. हरदम कौन ये मेरे दिल में, सुख में, दुःख में, हर मुश्किल में, हर्ष में मेरे, या अश्कों में,…
नई रोशनी हो
सुबह की, किरण हो नई रोशनी हो, बहारों भरी हो, नई रोशनी हो। जिन्हें रात भर चैन की नींद आयी, उन्हें जगमगाती, नई रोशनी हो।…
nice lines
kya baat he…nice
Waah
Good