मुक्तक

हम जिंदगी में गम को कबतक सहेंगे?
हम राह में काँटों पर कबतक चलेंगे?
कदम तमन्नाओं के रुकते नहीं मगर,
हम मुश्किले-सफ़र में कबतक रहेंगे?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Related Articles

मुक्तक

हम ज़िन्दग़ी में ग़म को कब तक सहेंगे? हम राह में काँटों पर कब तक चलेंगे? क़दम तमन्नाओं के रुकते नहीं मग़र- हम मुश्क़िले-सफ़र में…

हम स्कूल चलेंगे

शीर्षक:- ‘हम स्कूल चलेंगे’ हम स्कूल चलेंगे जहाँ हम खूब पढ़ेँगे, सीखेंगे अच्छी बातें और पायेंगे ज्ञान, पढ़ लिखकर हम बनेंगे अच्छे और महान, हाँ,…

कविता

अब और परीक्षा नही… अब और परीक्षा नही प्रतिक्षा नही करेंगे | किया नही पर प्रीत हो गई उल्टी जग की रीत हो गई |…

मुक्तक

यूँ ही दर्द हमें राहों में कबतक मिलेंगे? हम खौफ के सन्नाटों में कबतक चलेंगे? कदम आरजू के कभी रुकते नहीं मगर, हम शाम की…

Responses

+

New Report

Close