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Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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मिली आजादी तेरे सहारे
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मुक्तक
मेरी जिन्दगी को तन्हाई ढूँढ लेती है! मेरी हर खुशी को रुसवाई ढूँढ लेती है! ठहरी हुई हैं मंजिलें अंधेरों में कबसे, मेरे दर्द को…
Very nice sir
शुक्रिया
वाह
वाह बहुत सुंदर रचना