मेरा देश

धुप निकलती है कहीं,
कहीं पे दिखती है छाओं

नगर नगर भारत के सुन्दर,
सुन्दर हैं सरे गांव

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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गाँव मेरा

इस लहलाती हरियाली से , सजा है ग़ाँव मेरा….. सोंधी सी खुशबू , बिखेरे हुऐ है ग़ाँव मेरा… !! जहाँ सूरज भी रोज , नदियों…

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