Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
सफेद दरख्त
सफेद दरख्त अब उदास हैं जिन परिंदों के घर बनाये थे वो अपना आशियाना ले उड़ चले। सफेद दरख्त अब तन्हा हैं करारे करारे हरे…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
धरती और दरख़्त
धरती और दरख़्त ———————- तेज आंधी से झुका वह विशाल दरख़्त, धरती को बांहों में भरने को आतुर था। धरती देख झुकाव मतवाली थी प्रेम…
मिस्टर लेट लतीफ
हरेक ऑफिस में कुछ सहकर्मी मिल हीं जाएंगे जो समय पर आ नहीं सकते। इन्हें आप चाहे लाख समझाईये पर इनके पास कोई ना कोई बहाना…
Very nice
आभार