अब मैं बड़ा हो गया हूं,
पापा हो गए हैं बूढ़े
निज परिवार में रमता जा रहा हूं,
पापा को विस्मृत करता जा रहा हूं
कुछ कम ही सुनता है उनको आजकल,
कुछ कम ही दिखता है
एक ही बात बार-बार कहने पर,
मेरा मन भी अक्सर चिढ़ता है
अतः सुबह या शाम,
उनसे एक बार ही मिलता हूं
बहुत बीमार रहते हैं पापा,
जब से मां चली गई
कभी-कभी कमरे से उनके,
आती रहती कुछ बदबू सी
एक लड़का रखा है मैंने,
पापा की सेवा करने को
उसने कहा एक दिन मुझसे,
कोई पुरानी स्वेटर देने को
ढूंढ रहा था स्वेटर पुराना,
पुरानी एल्बम गिर गई
उसमें मेरे बचपन की,
सारी तस्वीरें मिल गई
उन दिनों पापा दफ्तर से,
थके हारे से घर आते थे
मैं दिन भर की बात बताता,
मुझे गोद में बैठाकर सारी बातें सुनते थे
बहुत बार नहलाते थे मुझको,
बाज़ार भी ले जाते थे
उन दिनों मेरे पापा, सुपर पापा कहलाते थे
युवा हुआ था जब मैं, मुझको
एक बाइक दिलवाई थी
बहुत दुखी थे पापा उस दिन,
जब बाइक से मैंने पहली बार चोट खाई थी
आज पापा की इस हालत पर,
मेरी आंख भर आई थी
पूरी एल्बम भी पलट ना पाया,
दौड़ा-दौड़ा पापा के पास आया
गीले कपड़ों में पापा,
उठने की कोशिश कर रहे
देख के मुझको हुए,गुनहगार सम
उनकी आंखों से आंसू झर रहे
“कोई बात नहीं पापा”, कह
लिपटकर फूट कर रोया
अभी बदलता हूं मैं वस्त्र आपके,
अब जाना इतने दिन मैंने क्या खोया
पापा बोले रहने दो बेटा,
तुम कैसे कर पाओगे
क्यूं पापा, जब मैं था छोटा
तो मैं आपका बच्चा था
अब मैं बड़ा हुआ हूं तो,
अब आप मेरा बच्चा हो
यह कहकर पापा से गले लगा,
अब मुझे सुकून सा मिलने लगा
______✍️गीता