Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
घर और खँडहर
घर और खँडहर ईटों और रिश्तों मैँ गुंध कर मकान पथरों का हो जाता घर ज्यों बालू , सीमेंट और पानी…
माँ मेरी
माँ मेरी ****** मुझे मेरा खोया बचपन लौटा दे विकल हुआ मेरा क्यूँ मन ,फिर आंचल लहरा दे मुझे मेरा खोया बचपन लौटा दे ।…
लौटा दे..
‘वो एक पल भी किसी तौर ना हुआ मेरा, जो मैंने बाँधा था मन्नत का धागा, लौटा दे.. के तुझसे एक कदम साथ भी चला…
ढूंढ़ता बचपन
ढूंढ़ता बचपन ? बस ऐ,ज़िन्दगी मुझे मेरा बचपन लौटा दे। Nishit Lodha मुझे मेरा वो हस्ता हुआ कल लौटा दे, आंसू दे मुझको, पर उन्हें…
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