दुनियाॅं के रंगमंच पर,
हम सभी आते हैं
अपना-अपना किरदार निभाने,
किरदार निभाते-निभाते
भूल ही जाते हैं..
कि एक दिन इस रंगमंच से,
जाना है एक दूसरी दुनियाँ में,
यहां रहकर जो मिला है किरदार,
वह निभाना है
अपना एक स्थान बनाना है,
और फिर इस रंगमंच से
चले जाना है,
यही है जीवन..
और जीवन का रंगमंच…
____✍गीता
विश्व रंगमंच की हार्दिक शुभकामनाएं