रंगमंच
दुनियाॅं के रंगमंच पर,
हम सभी आते हैं
अपना-अपना किरदार निभाने,
किरदार निभाते-निभाते
भूल ही जाते हैं..
कि एक दिन इस रंगमंच से,
जाना है एक दूसरी दुनियाँ में,
यहां रहकर जो मिला है किरदार,
वह निभाना है
अपना एक स्थान बनाना है,
और फिर इस रंगमंच से
चले जाना है,
यही है जीवन..
और जीवन का रंगमंच…
____✍गीता
विश्व रंगमंच की हार्दिक शुभकामनाएं
True lines
Thank you
वेलकम
बहुत शानदार कविता
Thanks for your precious compliment Piyush ji
वाह वाह अति उत्तम
बहुत-बहुत धन्यवाद कमला जी हार्दिक आभार
अपना एक स्थान बनाना है,
और फिर इस रंगमंच से
चले जाना है,
यही है जीवन..
और जीवन का रंगमंच…
——- बहुत सुन्दर, जीवन दर्शन से जुड़ी और सच्ची बात कहती बहुत सुंदर कविता। लेखनी को सैल्यूट।
इतनी सुंदर और प्रेरक समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी, अभिवादन सर
बहुत सुंदर
धन्यवाद सर
अपनी किरदार निभाने ही पड़ेंगे
जो लिखा हैं वो होना ही हैं
सब मौन ना हो सकते जहां में
कुछ कोलाहल भी जरूरी है
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बुरा नहीं हैं कोई जहां में
सब हरि- खिलौना हैं
सबका अपना अपना पाठ हैं
सबको वहीं निभाना हैं
सुंदर समीक्षा के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद विकास जी
अतिसुंदर भाव
सादर आभार भाई जी🙏