राहें खत्म होती ही नहीं…. प्रतिमा चौधरी 4 years ago राहें खत्म होती ही नहीं, इस जिंदगी की, हर मोड़ पर नया हुजूम मेरा इंतजार करता है, मुड़ जाऊं इस राह से, खामोशी को तोड़कर , आगे बढ़ने को जी चाहता है मगर यह ऐसा गोल भंवर है, जिसके घेरे का, ना कोई अंत है, ना ही सीमा….