राहें खत्म होती ही नहीं….
राहें खत्म होती ही नहीं,
इस जिंदगी की,
हर मोड़ पर नया हुजूम
मेरा इंतजार करता है,
मुड़ जाऊं इस राह से,
खामोशी को तोड़कर ,
आगे बढ़ने को जी चाहता है
मगर यह ऐसा गोल भंवर है,
जिसके घेरे का,
ना कोई अंत है,
ना ही सीमा….
वाह, अति सुन्दर
हार्दिक धन्यवाद
सुन्दर
धन्यवाद जी
बहुत खूब
धन्यवाद प्रज्ञा जी
सही कहा आपने।
धन्यवाद
अतिसुंदर
Thank you
👌👌👌
धन्यवाद
नफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अब,
ज़िंदगी कहीं तो पहुँचा दे खत्म होने से पहले।
बहुत सुंदर
मंजिलें मुझे छोड़ गयी रास्तों ने संभाल लिया,
जिंदगी तेरी जरूरत नहीं मुझे हादसों ने पाल लिया।
बहुत सुंदर पंक्तियां
हार्दिक धन्यवाद
Behtreen 👌
, thank you
बहुत सुंदर पंक्तियां
Thank you
वाह
धन्यवाद
Waah bahot badhiya
Thank you