रियाज़

सात सुरों के संगम का एक जैसा सबको,
रियाज़ कराया जाता है,

फिर आपस में ही एक दूजे में क्यों सबको,
इम्तियाज़ बताया जाता है,

जब ज़मी आसमां चाँद सितारे हम सबसे,
कोई भेद न रखते हैं,

फिर दो दिल जब मिलना चाहें तो इसमें,
क्यों एतराज़ जताया जाता है।।

राही अंजाना

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