रौनक सज रही है आजकल Satish Chandra Pandey 4 years ago खूबसूरत काव्य सरिता बह रही है आजकल, इस भरी महफ़िल में रौनक सज रही है आजकल। प्रेम है, उत्साह है एक दूसरे की चाह है, है मिलन मधुरिम बहारें औ विरह की आह है। प्रकृति का लद-कद है चित्रण साथ में है आम जीवन, देख लो महफ़िल हमारी खिल रही है आजकल।