विजदेव नारायण साही जी का
आज जन्मदिन है,
उनको श्रद्धांजलि अर्पित कर लूं
यह कवि का मन है।
तीसरा सप्तक में उदित हुए,
अंदाज कबीरी मिलता है
मछलीघर, साखी में उनका
बौद्धिक परिचय मिलता है।
आलोचना क्षेत्र में ऐसी
धमक रही जिससे उनको
कुजात मार्क्सवादी कहते थे
ऐसा परिचय मिलता है।
हिन्दी कविता में ‘लघुमानव’ का
बिंब प्रस्तुत कर जिसने
मानव के उत्थान पतन को
शिद्दत से महसूस किया,
आज जन्मदिन पर उस कवि को
श्रद्धांजलि देने का मन है,
चार पंक्तियों की कविता से
साही जी को आज नमन है।