दस अक्टूबर है आज
जीवन के लिए है खास
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस है आज
थोड़ा जगाना होगा समाज।
जिस तरह जरूरी है तन का
स्वस्थ और सुडौल रहना,
ठीक उसी तरह तरह जरूरी है
मन में सकारात्मक सोच रखना।
उदासी को, निराशा को
दूर भगा देना है,
गुस्सा, चिड़चिड़ापन और
खालीपन मिटाना है।
जरा सी बात पर चिंता
जुंनूँ उल्टा, अनिद्रा,
भ्रम करना, और डरना
आत्महंता सोच रखना,
इन सभी पर वक्त पर है
सावधानी अब जरूरी
मानसिक पीड़ाएँ हैं ये
इनको मिटाना है जरूरी।
यदि कभी घर और बाहर
आपको पीड़ित दिखे तो
सावधानी से उसे
पहचानना है अब जरूरी।
अवसाद से रखनी है दूरी
आज सबने आप हमने,
स्वस्थ जीवन के लिए है
स्वस्थ मन बेहद जरूरी।