वृक्ष हैं कुदरत का वरदान

वृक्ष हैं कुदरत का वरदान,
इन्हें क्यों काट रहा इन्सान।
वृक्ष होंगे तो होगी हरियाली,
वसुंधरा पर होगी खुशहाली।
नियत समय पर वर्षा आएगी,
सूखी धरती भी अन्न उपजाएगी।
वृक्ष देते औषधि,फल और फूल,
धारण करें धरा की धूल।
वृक्ष बनाऍं पर्यावरण का संतुलन,
अति आवश्यक है इनका संवर्द्धन॥
_____✍गीता

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close