वे सो रहे हैं मोहन 4 years ago वे सो रहे हैं व्यवस्था को, जेब में लेकर, हम रो रहे हैं , हाथ में मोमबत्तियां लेकर! वे जागते हैं अक़्सर चुनाव में, और हम हादसों में ….