शत्-शत् नमन करें
उनको , जो राष्ट्र-हित में शहीद हुए।
जन-जन रो देता है सुन
वे वीर गति को प्राप्त हुए।
पुत्र खोने का दर्द भला माता से ज़्यादा कौन सहे!
धन्य है वो माँ जिसने ऐसे पुत्र जने!
संवल खोने का दर्द भला पिता से ज़्यादा कौन सहे !
धन्य है वो पिता जिसने राष्ट्र को ऐसे पुत्र दिए !
पति-विरह की पीड़ा को पत्नी से ज़्यादा कौन सहे!
दुश्मन से लड़ते पति जब वीर गति को प्राप्त हुए!
राखी के बंधन का वादा बहन से ज़्यादा कौन जाने!
दुश्मन के हमलों ने कितने भाई-बहन को जुदा किये!
पिता खोने का दर्द भला बच्चों से ज़्यादा कौन सहे!
आँखें भर जाती हैं दुःख से जिनके पिता शहीद हुए!
शत्-शत् नमन करें
उनको ,जो राष्ट्र-हित में शहीद हुए!!