Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)
वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…
वीर भगत सिंह
वीर शहीद भगत सिंह भगत सिंह सुखदेव राजगुरु थे वीर बहादुर आजादी के तराने के लिए झूल गये फांसी पर भारत मां का नारा लगा…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शहीदों को नमन
नमन आज़ादी के परवानों का। वंदन क्रांति वीर जवानों का।। भगत, सुखदेव क्रांति वीरों के, इंक़लाब का डंका बजता था। ‘तिलक’ के विचारों का तिलक,…
स्वतन्त्रता-दिवस
पन्द्रह अगस्त की बेला पर रवि का दरवाजा खुलता है, सब ऊपर से मुस्काते हैं पर अंदर से दिल जलता है जब सूखे नयन-समन्दर में…
बिपिन रावत जी और उनकी टीम के सभी सदस्यों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि