Related Articles

जय शिवशंकर गौरीशंकर

जय शिवशंकर गौरीशंकर पार्वतीशिव हरे-हरे (2) रामसखा प्रभु राम के स्वामी, विष्णुवल्लभ भोलेनाथ । जय शिवशंकर गौरीशंकर, पार्वतीशिव हरे-हरे (2) ।।1।। कैलाशपति प्रभु औढ़रदानी, नीलकंठ…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close