शायरी Pt, vinay shastri 'vinaychand' 3 years ago कलम भी वही है दावात भी वही है। दिल में भरे मेरे जज़्बात भी वही है ।। लिखना चाहूँ मै एक गजल आप पर पर क्या करे अपनी मुलाकात नहीं है।।