सच्चा संघर्ष तुम्हें जीत देगा

ओस की बूंद बनकर
सूरज के आने पर
छुप न जाया करो
वरन हिम्मत रखो।
रात ही है नहीं तुम्हारे लिए
दिवस भी है तुम्हारे लिए
मुकाबला कर लो
मुकाबला करो
हरेक स्थिति से
सच्चा संघर्ष तुम्हें जीत देगा
सच्चा सा प्रेम तुम्हें मीत देगा।
दिल का गुंजार तुम्हें गीत देगा।
उठो हौसला रखो
और जीत का स्वाद चखो।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

कविता : हौसला

हौसला निशीथ में व्योम का विस्तार है हौसला विहान में बाल रवि का भास है नाउम्मीदी में है हौसला खिलती हुई एक कली हौसला ही…

Responses

  1. सच्चे संघर्ष की कीमत बताती हुई कवि सतीश जी की बहुत ही उम्दा रचना । बेहतर शिल्प और सुंदर भाव लिए हुए बहुत ही सुन्दर कविता

+

New Report

Close