लब खुलें तो सत्य बोलें
अन्यथा पट बन्द हों,
ईश ऐसी शक्ति देना,
भाव में नव छन्द हों ।
याचना है ईश तुझसे,
काम से मतलब मुझे हो,
और राहों और बातों से
नहीं मतलब मुझे हो।
सत्य की हो बात जो भी
वो मेरे मन दर्ज हो,
राह देना पथ भटकते को
मेरा एक फर्ज हो।
कोई कुछ भी बोल दे
मैं कर्मपथ चलता रहूँ
दूसरों से भी उसी पथ में
चलो कहता रहूँ।
कोई माने या न माने
सत्य में कहता रहूँ
प्यार पाऊँ, ठेस पाऊँ
सत्य पथ चलता रहूँ।