सबूत

आज सबूत माँग रहे हो
कि तुमसे कब, कहाँ और कैसे प्यार किया ??
पहचानने से इनकार कर दिया मुझे !
और कर ही क्या सकते थे तुम!
मेरे जिस्म से आती खुशबू को
क्या अपना नहीं कहोगे अब !
दिल में जो चेहरा बसा है उसे
दूजे का कहोगे अब !
हाँ, अब तो तुम मेरे प्यार को भी झुठला दोगे
जो वादे किए तुमने उनको भी धोखा बता दोगे।
मेरे होंठो से जो देर तक साझेदारी हुई तुम्हारी,
मेरी रूह पर जो मुहर लगी तुम्हारी,
मेरा चैन, मेरी नींद, मेरा दिल भी अब मेरा ना रहा
मैने प्यार से जो थामा था हाथ वो अब मेरा ना रहा।
एक बार झूठ ही कह देते हम दिल निकाल के दे देते।
खुद चले जाते तुमसे दूर कभी आवाज भी ना देते!!!!

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