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सुन्दर तेरी रचना

सुन्दर तेरी रचना
अति सुन्दर तेरी रचना विधाता
रंग बिरंगी सृष्टि रची,
जा में नाना तरह
जीवजाति बसी।
नाना तरह की, विविध तरह
जीवन ज्योति जगी।
अति सुन्दर तेरी रचना विधाता,
कल-कल करती नदिया-झरने
वन-उपवन, फुलवारी सजी
अति सुंदर तेरी रचना विधाता
अति सुन्दर तेरी रचना।
प्यार मुहब्बत,
भावना कोमल,
दया-ममता सब ओर सजी।
अति सुन्दर तेरी रचना विधाता
अति सुंदर तेरी रचना।

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