सुन्दर सुन्दर सपने अपने

कविता

सुन्दर सुन्दर सपने अपने,
सुन्दर अपना हिन्दुस्तान है।
जहां बहती नदिया झरने,
करती दुनिया गुणगान है।

सुन्दर सुन्दर – – – –

कर्म धर्म की ये है भूमि,
यहां जन्में सीता राम हैं
दुनिया में एक अनोखा,
अपना ये ही हिन्दुस्तान है।

सुन्दर सुन्दर – – – –

जात पात का भेद नही,
मिलजुलकर हम सब रहते।
राह चले हम सब जिनकी,
राधाकृष्णन गुरु महान है।

सुन्दर सुन्दर — – – – –

रीत रही प्रीत जहां की
कर देते सर्वस्य दान है।
संस्कार यहां के इतने अच्छे,
हिन्दी भाषा ही पहचान है।

सुन्दर सुन्दर — – – – –

मंदिर मस्जिद रौनक जिसकी,
गुरुद्वारा का भी स्थान है।
सिख्ख इसाई हिन्दु मुस्लिम,
हर किसी का होता सम्मान है।

सुन्दर सुन्दर सपने ——-

सत्य अंहिसा का पाठ पढ़ाया
कांटों में भी चलना सिखाया।
उनके ही कदमों में झुकता
अब भी पूरा हिन्दुस्तान है।

सुन्दर सुन्दर — – – – – –

हर दिन त्योहार यहां पर
खुशियों की भरमार है ।
होती पूजा भारत मां की
जय जय जय हिन्दुस्तान है ।

सुन्दर सुन्दर – – — —

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