हम बसाएंगे
अपना घरौंदा कहीं…
हम परिंदे हैं
एक जगह रुकते नहीं…
जहाँ मिलती हैं
खुशियाँ जाते हैं वहाँ
हम गमों में
घरौंदा बनाते नहीं…
चुनते हैं तिनके
घोसले के लिए..
जिंदगी भर कहीं
हम बसते नहीं…
पंख हैं, हौसला है
रुकेंगे नहीं..
भरेंगे जाकर उड़ानें कहीं…
हम परिंदे हैं
एक जगह रुकते नहीं…